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(DOWNLOAD) "Amavasya Ki Ratri Tatha Anya Kahaniyan (अमावस्या की रात्रि तथा अन्य कहानियां : मानसरोवर - भाग 6): Mansarovar : Part - 6" by Premchand * eBook PDF Kindle ePub Free

Amavasya Ki Ratri Tatha Anya Kahaniyan (अमावस्या की रात्रि तथा अन्य कहानियां : मानसरोवर - भाग 6): Mansarovar : Part - 6

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eBook details

  • Title: Amavasya Ki Ratri Tatha Anya Kahaniyan (अमावस्या की रात्रि तथा अन्य कहानियां : मानसरोवर - भाग 6): Mansarovar : Part - 6
  • Author : Premchand
  • Release Date : January 27, 2019
  • Genre: Fiction & Literature,Books,
  • Pages : * pages
  • Size : 1590 KB

Description

प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी को एक निश्चित परिप्रेक्ष्य और कलात्मक आधर दिया। उन्होने कहानी के स्वरूप को पाठकों की रुचि, कल्पना और विचार शक्ति का निर्माण करते हुए विकसित किया है। उनकी कहानियों का भाव-जगत् आत्मानुभूत अथवा निकट से देखा है। कहानी-क्षेत्रा में वह वास्तविक जगत् की उपज थे। उनकी कहानी की विशिष्टता यह है कि उसमें आदर्श और यथार्थ का गंगा यमुनी संगम है। कथा का रूप घटनाओं और चरित्रों के माध्यम से निरुपित होता है। यहां घटनाएं चौखट और पात्रा इसके अन्तः का विकास करने वाले चित्रा।
कथाकार के रूप में प्रेमचंद अपने जीवनकाल में ही किंवदन्ती बन गये थे। उन्होंने मुख्यतः ग्रामीण एवं नागरिक सामाजिक जीवन को कहानियों का विषय बनाया है। उनकी कथायात्रा में श्रमिक विकास के लक्षण स्पष्ट हैं, यह विकास वस्तु, विचार, अनुभव तथा शिल्प सभी स्तरों पर अनुभव किया जा सकता है। उनका मानवतावाद अमूर्त भावात्मक नहीं, अपितु उसका आधर एक प्रकार का सुसंगत यथार्थवाद है, जो भावुकतापूर्ण आदर्शवाद प्रस्थान का पूर्णक्रम, गत्यात्मक क्रम पाठकों के समक्ष रख सका है। उनकी कहानियों को मानसरोवर के आठ खंडों में समाहित किया गया है


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